त्वमेव माता च पिता त्वमेव ।
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव ।
त्वमेव सर्वम् मम देव देव ॥
सर्व शक्तिमान परमात्मा जो मेरे सही माता, पिता , बंधू और मित्र है
, ये ही मेरी असली संपत्ति और विद्या भी है, वो ही मेरा वास्तविक रूप से
पूरा संसार है, उन्हें नमन करता हूँ |
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